अनिल बेदाग
मुंबई : गीत संगीत में एक ऐसा जादू होता है कि यह हर एक को अपनी ओर आकर्षित कर ही लेता है। और फिर इंसान इसी दिशा में काफी आगे चल पड़ता है। इसका ताजा उदाहरण हैं राहुल सिद्धार्थ कांबले, जो बेहद कम उम्र से ही संगीत के प्रति जुनूनी हैं और बहुमुखी गायक हैं।
आज के काफी मुकाबले वाले माहौल के बीच, राहुल सिद्धार्थ कांबले भारतीय संगीत इंडस्ट्री में एक प्रमुख नाम के रूप में उभरे हैं। अत्यंत प्रतिभाशाली गायक-निर्माता ने अपने पहले गीत ‘चलना आगे काफी’ से सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
संगीत उनके लिए एक थेरैपी है और इस भागदौड़ वाली दुनिया में म्युज़िक उन्हें सुकून पहुंचाता है। ‘चलना आगे काफी’ उनके काम की बस शुरुआत है, और उनका मकसद विभिन्न ध्वनियों के साथ प्रयोग करना है। इसके अलावा, राहुल नए संगीत क्षेत्रों का पता लगाने और म्युज़िक इंडस्ट्री से नए जमाने के कलाकारों के साथ सहयोग करने की उम्मीद कर रहे हैं। ‘चलना आगे काफी’ राहुल के लिए एक बहुत ही खास गाना है क्योंकि वह इसे अपने दिल के करीब मानते हैं।
अद्भुत प्रतिभा के मालिक राहुल का कहना है कि जब वह अपने पिता के साथ कार में सवार होकर स्कूल जाते थे तो ए.आर. रहमान, अजय-अतुल और प्रीतम सहित कई संगीत के उस्तादों के गीतों को एफएम रेडियो पर ध्यान से सुनते थे। दरअसल वहीं से उनके मन मस्तिष्क में संगीत का बीज आया। संगीत के प्रति अपने जुनून का पता चलने पर, राहुल ने अपने सपनों को साकार करने का फैसला किया। और उसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अपने पहले गीत के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, “इस गाने को अपना शुरुआती ट्रैक बनाने का निर्णय बहुत मायने रखता है क्योंकि यह गीत मुझे याद दिलाता है कि मैं अपने लक्ष्यों का पीछा करते हुए अतीत और वर्तमान के सुख और दुखों में न फंसूं। आज में खुशी है और हमें हर पल को जी भर के जीना चाहिए। मैंने इस गीत के माध्यम से इसी बात को समझाने की कोशिश की है।”
अच्छे संगीत के साथ-साथ, राहुल सिद्धार्थ कांबले छोटी उम्र से ही हिंदी और मराठी फिल्मों से रूबरू हुए। “कभी-कभी, मैं फिल्म संगीत को समझने के लिए सिनेमा हॉल जाता था। बाद में, मैंने केंड्रिक लैमर, फैरेल, पाको डी लूसिया और टायलर द क्रिएटर जैसे वर्ल्ड म्युज़िक को खूब सुना। और संगीत तब से मेरे जीवन का अटूट हिस्सा रहा है।”राहुल ने आगे कहा।
‘चलना आगे काफी’ के बारे में राहुल ने एक दिलचस्प खुलासा किया कि उन्होंने खाना बनाते समय यह गाना लिखा था। “एक कलाकार के रूप में, जब कोई आइडिया आपके मन में आता है, तो आपको उसे पूरा सम्मान देना होता है। यह आपकी अभिव्यक्ति का सबसे शुद्ध रूप है। मुझे यह विचार इतना पसंद आया कि मैंने एक म्युज़िक एल्बम बना दिया”, उन्होंने खुलासा किया। पहले गाने के बाद, राहुल सिद्धार्थ कांबले के पास पाइपलाइन में कई और प्रोजेक्ट हैं, और वह अपना संगीत दुनिया को सुनाने के लिए इंतजार नहीं कर सकते।