सुयोग सुरेश डांगे, मो. 8605592830
चिमूर- देश मे बेरोजगारी, महंगाई, धार्मिक उन्माद, कानुन व सुव्यवस्था आदी की समस्याओ से पहले ही तंग आ चुकी जनता ने हाल ही मे हुए कृषी उपज मंडी के चुनाव मे भारतीय जनता पार्टी को करारा जबाब दिया है. जिले भर से आए नतीजो से यह साफ हो गया है की जनता,भारतीय जनता पार्टी से हलाकान हो गई है. जिले मे 12 मे से 9 बाजार समिती की मतगनना हुई. आकडो पर नजर डाले तो जिले भर मे काँग्रेस का ही बोलबाला रहा. जिले के काँग्रेस के कद्दावार नेता विजय वडेट्टीवार, बालू धानोरकर, प्रकाश देवतले, संतोष सिंग रावत, संजय डोंगरे गुट ने उल्लेखनिय प्रदर्शन किया. भाजपा के कई उम्मीदवार उक्त बाहुबली नेताओ की बदौलत आज भलेही जित का जश्ण मना रहे हो लेकीन सामाजिक अंकेक्षण के स्तर पर भाजपा को गहरे मंथन की जरूरत आन पडी है.
चिमूर मे कांग्रेस के उभरते हुए नेता दिवाकर निकुरे ने अपना पहीला चुनावी बिगुल क्या बजा दिया, भाजपा के पैरो तले जमीन खिसक गई. कहते है, ‘जो बुंद से गई वह हौद से नही आती’ कुछ ऐसी ही हालत से भाजपा गुजर रही है. मंडी चुनाव मे भाजपा की नाक तब कट गई जब उन्हे सहकार क्षेत्र के काँग्रेस नेता संजय डोंगरे की शरन मे जाना पड़ा. कांग्रेस के मंजे हुए नेता संजय डोंगरे के सामने भाजपा औंछी नजर आई. संजय डोंगरे ने अपनेअठ्ठाराह मे से सतरा उम्मीदवारो को जित दिला दी. जिससे डोंगरे का जिले भर मे सबसे जादा उम्मीदवार जिताने का रिकार्ड बना. उधर भाजपा के विधायक सुधिर मुंगटीवार के निर्वाचन क्षेत्र मुल मे काँग्रेस ने भाजपा को बुरी तरह लताडा, सिंदेवाही मे भी भाजपा कुछ खास प्रदर्शन नही कर सकी. ब्रम्हपूरी मे विधायक विजय वडेट्टीवार की अगुवाई मे जोरदार प्रदर्शन रहा. नागभिड मे डॉ. सतीश वारजूकर को चिमूर व नागभिड की जिम्मेदारी होने से उम्मीद से कम सिटो पर फतेह मिली लेकीन उनकी जद्दोजहद काबीले तारीफ रही. कोरपना व राजूरा मे काँग्रेस का उल्लेखनिय प्रदर्शन रहा
अब गई हुई शौकत को बचाने के लिये भाजपा को गहरे चिंतन की आवश्यकता राजकीय विश्लेषक बता रहे है. समय रहते भक्ती और गुलामी से उपर उठकर आत्मसन्मान के मुल्यो की ओर अग्रसर होना होगा नही तो ”पछताए होत क्या जब चिडीया चुग गई खेत” वाला मुहावरा चरितार्थ होने मे देर नही लगेगी.