मुंबई (अनिल बेदाग) : भारतीय फिल्म उद्योग में भाई-भतीजावाद पर चल रही बहस में हम जानते हैं कि एक स्टार का बेटा या बेटी होने के कारण बॉलीवुड की इस दुनिया में जगह बनाना कितना आसान है। प्यार तो होना ही था, के मशहूर अभिनेता बिजय आनंद का मानना है कि, अपनी प्रतिभा, कड़ी मेहनत और क्षमताओं के आधार पर भी बड़ा बनाना भी संभव है। उन्होंने बताया की,
“जब मैंने इस उद्योग में प्रवेश किया, तो मैं किसी स्पॉट बॉय को भी नहीं जानता था, किसी को भी नहीं। मैं एक दर्जे का बाहरी व्यक्ति था। कई धारावाहिकों में काम करने के बाद, जहां मेरी प्रतिभा को कई लोगों ने सराहा और नोटिस किया, मुझे यश में मुख्य भूमिका में लिया गया। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि उन दिनों गानों का जबरदस्त क्रेज था और ‘यश’ की वजह से मुझे अजय देवगन की प्यार तो होना ही था में कास्ट किया गया।
न नेटवर्क और न ही नेटवर्किंग क्षमता थी, फिर भी जब मैं ‘सिया के राम’ के साथ 17 साल के अंतराल के बाद इस अद्भुत उद्योग में वापस लौटा, तो मुझे कई पुरस्कार समारोहों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में नामांकित किया गया। ‘शेरशाह’, ‘आईबी71’ और ‘सुल्तान ऑफ दिल्ली’ के बाद, मैं विद्युत जामवाल, नोरा फतेही और अर्जुन रामपाल के साथ आदित्य दत्त की ‘क्रैक’ की रिलीज के लिए उत्साहित हूं। इसलिए, मेरा मानना है कि यदि आपमें प्रतिभा और ईमानदारी है, तो चाहे कुछ भी हो, आप सफल हो जाएंगे। सही मायनों में बिजय आनंद ने अच्छी प्रेरणा दी है। वह बिना किसी गॉडफादर के इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने का एक उत्कृष्ट जीवंत उदाहरण हैं।