🔸Acquisition of land in Khamharia 40 years ago, now eviction is being attempted: Kisan Sabha protested, demand for return of land
✒️कोरबा(पुरोगामी न्युज नेटवर्क)
कोरबा(दि.21ऑगस्ट):-एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खम्हरिया में 40 वर्ष पूर्व जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन प्रभावित किसान परिवारों को न तो मुआवजा मिला और ना ही उन्हें पुनर्वास की सुविधा दी गई और कई रोजगार प्रकरण आज भी लंबित हैं। कई पीढ़ियों से किसान आज भी अपनी जमीन पर काबिज हैं और खेती किसानी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अब एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन जबरन उन्हें बेदखल करने का प्रयास कर रही है। अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने इस बेदखली के प्रयास का विरोध करते हुए किसानों के साथ अन्यायपूर्ण कार्यवाही बताया और किसानों की जमीन मूल किसानों के नाम वापस करने के साथ कृषि कार्य पर लगाए गए रोक को तत्काल हटाने की मांग की है। इस संबंध में एक ज्ञापन कुसमुंडा महाप्रबंधक को सौंपा गया है। ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन को भी देकर उचित हस्तक्षेप करने की मांग की गई है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा ने कहा कि 40 वर्ष पूर्व में अधिग्रहित जमीन का खनन न होना और किसी भी कार्य के लिए एसईसीएल द्वारा उपयोग नहीं करने से स्पष्ट है कि एसईसीएल ने आवश्यकता से अधिक जमीन का अधिग्रहण करके जमीन की जमाखोरी की है और इस क्षेत्र में हजारों किसान परिवारों की जमीन को औने-पौने दामों में हड़पकर उन्हें उनकी आजीविका से वंचित कर दिया है। यह किसानों के साथ सीधे-सीधे ठगी और धोखाधड़ी का मामला है और इसके लिए एसईसीएल के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की जानी चाहिए।
छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेता दीपक साहू ने कहा है कि अधिग्रहित भूमि का उपयोग न होने के कारण 40 वर्ष पूर्व किये गए अधिग्रहण का आज कोई महत्व नहीं है और ग्रामीणों की बेदखली के लिए किया जा रहा प्रयास अवैध है। अब एसईसीएल इस जमीन का उपयोग गैर-खनन कार्यों के लिए करना चाहता है। खनन परियोजनाओं के विस्तार के कारण दर्जनों गांवों के लोगों में बेदखली का डर पैदा हो गया है। किसान सभा इन प्रभावित गांवों के लोगों को संगठित करके एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी।
ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रूप से सुमेन्द्र सिंह ठकराल, राजीव यादव, ललित पटेल, गोलू यादव, प्रेमलाल, सुनीता, सावित्री, हीरा, हेम बाई, बेबी, नोहर कुंवर, जहीला, गंगा उपस्थित थे.
Acquisition of land in Khamharia 40 years ago, now eviction is being attempted: Kisan Sabha protested, demand for return of land*
Korba- The land was acquired 40 years ago in village Khamharia under SECL Kusmunda area, but the affected farmer families were neither compensated nor given rehabilitation facilities and many employment cases are still pending. For many generations, farmers are still occupying their land and earning their living by farming. Now the SECL Kusmunda management is trying to forcibly evict them. The Chhattisgarh Kisan Sabha, affiliated to the All India Kisan Sabha, protested against this eviction attempt, calling it an unjust action against the farmers and demanded return of the farmers’ land to the original farmers along with immediate removal of the ban imposed on agricultural work. A memorandum in this regard has been submitted to the Kusmunda General Manager. A copy of the memorandum has also been given to the Chief Minister and the district administration, demanding appropriate intervention.
District President of Chhattisgarh Kisan Sabha Jawahar Singh Kanwar and Secretary Prashant Jha said that the non-mining of land acquired 40 years ago and not being used by SECL for any work, it is clear that SECL acquired more land than their necessity. They have hoarded the land and deprived thousands of farmer families of their livelihood in this area by grabbing their land at throwaway prices. This is a clear case of duping and cheating the farmers and for this criminal action should be taken against SECL.
Chhattisgarh Kisan Sabha leader Deepak Sahu has said that the acquisition, done 40 years ago, has no importance today due to non-use of the acquired land and the efforts being made to evict the villagers are illegal. Now SECL is trying to use the land for non-mining purpose. Due to the expansion of mining projects, the people of dozens of villages have been evicted. Fear has arisen. Kisan Sabha will launch a big movement by organizing the people of these affected villages.
Sumendra Singh Thakral, Rajiv Yadav, Lalit Patel, Golu Yadav, Premlal, Sunita, Savitri, Heera, Hem Bai, Baby, Nohar Kunwar, Jahila, Ganga, Sakoon were prominently present in handing over the memorandum.