✒️सुयोग सुरेश डांगे(विशेष प्रतिनिधी)
चिमुर(दि.14ऑगस्ट):-तहसील के मासल (बु.) व नंदारा गाव के करीब 1200 हेक्टर मे धान की फसल को सिंचने वाले एकमात्र स्त्रोत से भी किसानो को इस वर्ष पानी से वंचीत रहने की नौबत आई है. मासल से सटकर बहनेवाले नाले पर बनाए गये बांध के लोहे के सभी दरवाजे चोरी हो गये है. जिससे धान की फसल पर गहरा संकट मंडरा रहा है. फसल को सिचने के लिये अब किसान बारीश का इंतजार कर रहे है. लेकीन उम्मीद का नक्षत्र कहे जाने वाले अश्लेषा नक्षत्र मे बारीश नदारद रहने से किसान हलाकान होकर फसल को तबाह होता देख बेबस नजर आ रहा है.
वसंतराव गोडबोले कोल्हापुरी बांध नामक बांध का निर्मान इसी वर्ष ग्रिष्मकाल मे किया गया. इस बांध ने 1978 से परिसर के किसानो को सिंचाई का पानी दिया है. पुराना बांध जिर्ण हो जाने से उसे निर्लेखीत कर नये बांध का निर्माण विधायक भांगडीया के प्रयासो से किया गया.पहले के बांध मे लोहे के दरवाजे स्वयंचलीत थे जो जादा पानी जमा होने पर खुल जाते व पानी का स्तर कम होने पर बंद होते थे. इतना ही नही बांध की दिवाल मे स्थापीत किए