✒️अनिल बेदाग(विशेष प्रतिनिधी)
मुंबई(दि.17जुलै) : युवाओं के बीच भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पदमश्री डॉ किरण सेठ वर्षो से लगे हुए हैं। उन्होंने द सोसाइटी फ़ॉर द प्रोमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्युज़िक एंड कल्चर एमंगस्ट यूथ स्पाइस मकैय की स्थापना की। डॉ किरण सेठ देश भर में साइकिल यात्रा कर रहे हैं। कल वह मुम्बई में आये जहां उनका भरपूर स्वागत किया गया। यह संस्था शास्त्रीय संगीत को प्रोमोट करती है। युवाओं के बीच शास्त्रीय संगीत के प्रति जागरूकता फैलाना इसका लक्ष्य है। पद्मश्री डॉ किरण सेठ इसके फाउंडर और चेयरमैन हैं। वह देश भर में शास्त्रीय संगीत के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये साइकिल यात्रा कर रहे हैं। इसका नाम उन्होंने अंतर्यात्रा एन इनर जर्नी रखा है। शास्त्रीय संगीत और इस अंतर्यात्रा के द्वारा वह भारत को जोड़ रहे हैं।
वह जब मुम्बई आए तो मुम्बई में शास्त्रीय संगीत के सभी आर्टिस्ट्स ने उनका स्वागत किया। उसके बाद उनके सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने इस अवसर पर अपनी इस साइकिल यात्रा से जुड़े अनुभवों को साझा किया। उन्हें कई मुश्किल भी आई क्योंकि साइकिल पर पूरे भारत की यात्रा करना कोई आसान कार्य नहीं है।
मुम्बई में डॉ किरण सेठ के स्वागत के लिए सारे आर्टिस्ट्स आए थे जैसे पंडित विद्याधर व्यास, मिस्टर के गणेश, पंडित रेणु मजूमदार, डॉ एम राजन, उस्ताद कमाल साबरी इत्यादि ने उनका स्वागत किया।
उस्ताद कमाल साबरी ने कहा कि वह साइकिल के जरिये अपने अंदर की यात्रा, अपने मन की यात्रा कर रहे हैं। वह पूरे भारत मे भ्रमण कर रहे हैं। इस युग में शास्त्रीय संगीत, भारतीय सभ्यता संस्कृति, इतिहास के प्रति नई पीढ़ी में जागरूकता फैलाना और युवाओं को इस के बारे में बताना समझाना अपने आप मे अद्वितीय कार्य है। डॉ किरण सेठ न सिर्फ देश भर मे बल्कि विश्व भर में शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं।
बता दें कि स्पाइस मकैय एक ऐसी पहल है जो भारतीय शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत, योग, ध्यान, शिल्प और अन्य पहलुओं को बढ़ावा देकर भारतीय सांस्कृतिक विरासत के पहलुओं को बढ़ावा देता है। इस की स्थापना डॉ. किरण सेठ ने 1977 में आईआईटी दिल्ली में की थी। बता दें कि किरण सेठ, आईआईटी खड़गपुर से स्नातक हैं और वह जब कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहे थे, तब उन्हें ब्रुकलिन एकेडमी ऑफ म्युज़िक, न्यूयॉर्क में उस्ताद नासिर अमीनुद्दीन डागर और उस्ताद जिया फरीदुद्दीन डागर के ध्रुपद संगीत कार्यक्रम में हिस्सा लेने का मौका मिला। 1976 में भारत लौटकर उन्होंने आईआईटी दिल्ली में पढ़ाना और शोध कार्य करना शुरू किया, जहां उन्होंने 1977 में स्पिक मैके की शुरुआत की, और डागर ब्रदर्स द्वारा इसका पहला संगीत कार्यक्रम 28 मार्च 1978 को आईआईटी दिल्ली में आयोजित किया गया था।
इसकी कुछ प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं फेस्ट सीरीज, विरासत सीरीज, छात्रों और शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन, नेशनल स्कूल इंटेंसिव, पार्क में संगीत, स्पिक मैके स्कॉलरशिप प्रोग्राम, हेरिटेज वॉक, मशहूर विचारकों द्वारा वार्ता, योग शिविर, क्लासिक सिनेमा की स्क्रीनिंग इत्यादि।
सुमन डूंगा जी ने दिल्ली से डॉ किरण सेठ और सभी आर्टिस्ट्स का शुक्रिया अदा किया और शुभकामनाएं सन्देश भेजा।