चिमूर
चिमूर कृषी उपज बाजार समिती की स्थापना 1982 मे की गई थी. यहां के प्रथम सभापती की नियुक्ती तत्कालीन राज्यपाल ने की थी. काँग्रेस के गुलाबराव डोंगरे ने सभापती की कमान संभाली थी. उनके पुत्र संजय डोंगरे भी सहकार क्षेत्र मे काँग्रेस के कद्दावार नेता है. उन्होने कृषी मंडी समीती के चुनाव मे भाजपा का दामन थामकर काँग्रेस का गढ रहे मंडी मे भाजपा को ऐतीहासीक जित दिला दी.
कुल 18 मे एक को निर्वीरोध चुना गया. 17 उम्मीदवारो मे महाविकास आघाडी को एक तथा बाकी16 सिटो पर भाजपा प्रणित शेतकरी सहकार विकास आघाडी पॅनलने परचम लहराया है. भाजपा को सहकार क्षेत्र मे अपना परचम लहराने के लिये कांग्रेस के नेता डोंगरे के हाथ मे रस्सी सौपना पडा यह भाजप के लीये सोचने वाली बत है.
सेवा सहकारी (सर्वसाधारन ) से नंदकुमार गावंडे, दशरथ नन्नावरे, प्रशांत गुरपुडे, कैलास धनोरे, घनशाम डुकरे, रविन्द्र पंधरे, प्रकाश पोहीनकर सेवा सहकारी (महिला ) गिता कारमेंगे, रेखा मालोदे, सेवा विमुक्त घुमंतू प्रशांत चिडे, ग्रामपंचायत (सर्वसाधारण ) गुट से संदीप पिसे, दिनकर सिनगारे, ग्रापं (अनु जाती जनजाती ) मंगेश धाडसे. ग्रांप (आर्थिक दुर्बल घटक ) भाष्कर सावसाकडे, अडते व्यापारी मतदारसंघ से मनोहर पिसे, अनिल वनमाली, हमाल मापारी मतदार संघसे भरत बंडे, तथा निर्विरोध राजेंद्र बानकर ने जित दर्ज की है. जिसमे हमाल मापारी मंतदार संघ से भरत बंडे ने महाविकास आघाडी की ओर से चुनाव लढे. शेष सभी उम्मीदवार भाजपा की ओर से शेतकरी सहकार विकास आघाडी पॅनल से चुनाव लढे थे.