🔸दो दिवशीय अधिवेशन में डिजीटल मिडीया पत्रकारोंने सिखी पत्रकारिता की खुबीया
✒️रोशन मदनकर(उप संपादक)
चंद्रपूर(दि.२२नोव्हेंबर):- विश्व में डिजीटल क्रांती आ रही है. अब डिजीटल मिडीया के पत्रकारों को सकारात्मक दृष्टीकोन रखना चाहिये. साथी इस मिडीया प्लेटफार्म को अधिक प्रभावी बनाने के लिए अबडेट के साथ काम करना चाहिये. पत्रकारिता का रास्ता कभी आसान नही था और न आज है. पत्रकारों के अंदर क्रिएटिव्हीटी और बदलते दौर के साथ कुछ नया करने की क्षमता है. तब ही आप इस क्षेत्र में टिक सकते है. पहले किसी के विरोध में अखबार में खबर छपती थी तो उसका गुस्सा शाम तक ठंडा हो जाता था. लेकीन अब न्युज पोर्टल किसी के विरोध में खबर चलाते है तो एक के पिछे एक खबरें चलाते है. तो जिसके विरोध में खबरे है उसका गुस्सा शांत होने की बजह शाम तक बढ़ जाता है. जिस वजह से न्युज पोर्टल प्रकाशक गुस्से का शिकार हो रहे है.
यह बात सभी पत्रकारों ने ध्यान में रखना चाहीये. समाचार मनोरंजन का हिस्सा नहीं है. लोग समाचार जानकारी के लिये पढते है. अब डिजीटल मिडीया व्दारा इसे पूरा किया जा रहा है. अब इस मिडीया ने मेन स्ट्रिम मिडीया को किनारे कर दिया है, ऐसा संबोधन डिजीटल मिडीया पल्लीशर्स अॅन्ड न्यूज पोर्टल सिवेंस कोन्सील ऑफ इंडिया (Digital Media Publishers and news portal Grievances Council of India) के अध्यक्ष एवं उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता फिरदोस मिर्जा ने कही उदाहरण देकर डिजीटल मिडीया के प्रतिनिधीयों को संबोधित किया.
डिजीटल मिडीया असोशिएशन तथा डिजीटल मिडीया पब्लिशर्स अॅन्ड न्युज पोर्टल सिम कोन्सील ऑफ इंडिया का दो दिवशीय अधिवेशन (Two days Session) श्रमिक एल्गार प्रतिष्ठान वित्तेगाव में संपन्न हुआ. इस दो दिवशीय अधिवेशन में बतौर अतिथी अँड. डॉ. कल्याणकुमार, अँड. आनंद देशपांडे, अॅड. फिरदोस बेग, श्रमिक एल्गार की अध्यक्ष पारोमिता गोस्वामी, Zee 24 Tass के प्रतिनिधी आशिष अंबाडे, अमित बेलेकर, वरिष्ठ पत्रकार आनंद आंबेकर, जितेंद्र चोरडीया, डिजीटल मिडीया एक्सपर्ट देवनाथ गंडाटे आदी प्रमुखता से उपस्थित थे.
डिजीटल मिडीया के बदलते स्वरूप को पेश करते हुये फिरदोस मिर्जा (Firdos Mirja) ने कहा की आपको डरना नही चाहीये. बल्की कानून का अध्ययन करना चाहीये. यदी आपके खिलाफ कोई झुठा आरोप लगता है तो हम कानूनन मदद करेंगे.
इस अधिवेशन में डिजीटल मिडीया एक्सपर्ट देवनाथ गंडाटे चारा अपने पोर्टल के बारे में Technical ज्ञान प्रदान करते हुये पत्रकारोंने किये सवालों का जबाब दिया. अँड. डॉ. कल्याणकुमार ने कहाँ, पत्रकार निष्पक्ष एवं तथ्यों के आधार पर पत्रकारिता करे जिससे समाज में पत्रकारों की विश्वसनीयता बढ़ेगी. खोजी पत्रकारीतासे असलियत को उजागर किया जा सकता है. बशर्ते उसके पुरता सबुत पत्रकारों ने अपने पास संजोये रखने चाहीये. इस दौरान अधिवक्ता आनंद देशपांडे, अॅड. फरहान बेग, श्रमिक एल्गार की अध्यक्ष पारोमीता गोस्वामी, अमित बेलेकर, आनंद आंबेकर ने भी मार्गदर्शन किया.
इस अवसर पर शोध पत्र के लिये लंडन सेव चंद्रपूर-गडचिरोली आये राममोहन धानापुरकर ने पत्रकारिता और समाज के अच्छे बुरे का फर्क समझाया, विदेशों में समाचार पत्र व्दारा टिका टिप्पनी के लिखे जाने पर समाज का अंग माना जाता है. लेकीन यहाँ इसका मतलब कुछ और ही है.
दो दिन के कार्यक्रम का संचालन विजय सिध्वावार, देवनाथ गंडाटे, राजु कुकडे ने किया और धन्यवाद दिनेश एकोणकर, जितेंद्र चोरडीया ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु डिजीटल मिडीया असोशिएशन तथा डिजीटल मिडीया पब्लिशर्स अॅन्ड न्युज पोर्टल सिवेंस कौन्सील ऑफ इंडिया (Digital Media Publishers and news
portal Grievances Council of India & Digital Media Association) के सभी सदस्योंने प्रयास किया.
श्रद्धा वाकर के बारे में असम के मुख्यमंत्री की अशोभनीय टिप्पणी